य: पठेत् प्रयतो नित्यं श्लोकं भागवतं सुत।
अष्टादशपुरणानां फलमाप्नोति मानवः।।

REGISTRATION FORMS FOR VARIOUS STOTRAS

Registration forms have been closed now.
Please try next month.

रजिस्ट्रेशन करने हेतु अभी समय पूर्ण हो चुका है , कृपया अगले माह फिर से फाॅर्म भरने का प्रयास करें|